5 फ़र॰ 2014, 10:42 pm द्वारा वाङ्मय बुक्स, अलीगढ़ प्रेषित
[
6 जुल॰ 2014, 1:10 am अपडेट किया गया
]
अनुक्रम - सम्पादकीय
- हिन्दी के आदिवासी जीवन पर केन्द्रित उपन्यासों का उद्भव और विकास - प्रो. बी. के. कलासवा
- समकालीन हिन्दी उपन्यास और दिकू समाज का आदिवासी चिंतन - रोहिणी अग्रवाल
- संजीव के उपन्यास और आदिवासी समाज - मधुरेश
- अग्निगर्भ: आदिवासी संघर्ष का दहकता दस्तावेज - रोहिताश्व
- रक्तयात्रा: मानवीय रक्त का पुरश्चरण - प्रो. रामकली सराफ/सत्येंद्र कुमार यादव
- पाले का घर पलामू: एक अवसाद कथा - वंदना झा
- सदन कृत नदी के मोड़ पर: एक अध्ययन - अरुण कुमार दामोदर
- हिमांशु जोशी का कथा साहित्य और हाशिए के लोग - डा. शिवचंद प्रसाद
- भारतीय जनतंत्रा: सत्तातंत्रा बनाम हाशिए के लोग - डा. नीरू
- जहाँ बाँस फूलते हैं: जनजातीय संघर्ष और विद्रोह - सुभाष कुमार गौतम
- आदिवासी कल और आज - गुलशन बानो
- आदिमकालीन समाज के सच से जूझते हुए... - सगीर अशरफ
- भूलों को याद करता हुआ (गमना उपन्यास) - खान अहमद फारुक
- आदिवासियों के रीति-रिवाजों, समारोहों और पर्वों का प्रामाणिक दस्तावेज: शालवनों का द्वीप - डा. एम. फ़ीरोज़ अहमद
- आज़ादी के लिए उठे हाथों की पहली दस्तक: बाजत अनहद ढोल - डा. नगमा जावेद मलिक
Keywords : Vangmay traimasik hindi patrika, Adivasi Visheshank - 2, Vangmay Books, Aligarh |
|